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सहमे हुए अल्फाज़
अधूरे जज़्बात, तुम समझ लेना
आंखो से झांक लेना
छिपे दिल-ए-हालात, तुम समझ लेना
उलझी हुई बातें
इनमे प्यार बेशुमार, तुम समझ लेना
जताया जो कम
नित ठहरा विश्वास, तुम समझ लेना
उतरी उतरी सूरत
तेरी हंसी का है इंतजार, तुम समझ लेना
आवाज़-ए-तृष्णा
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