
Share0 Bookmarks 33 Reads0 Likes
सब्र कर ऐ दोस्त,
ये बेताबियों के दौर भी गुज़र जायेंगे,
क्या हुआ अगर खुदा ना मिलाएंगे,
हम तो तकदीरों से तुम्हें छीन लायेंगे।
No posts
No posts
No posts
No posts
सब्र कर ऐ दोस्त,
ये बेताबियों के दौर भी गुज़र जायेंगे,
क्या हुआ अगर खुदा ना मिलाएंगे,
हम तो तकदीरों से तुम्हें छीन लायेंगे।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments