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रातें
ये दिन कितने ज़ुल्मी है, ये रातें कितनी सुहानी है
दिन मुलाजिम बनाते है, रातें शायर बनाती है
दिन भर ज़िंदगी जख्म देती है, रातें मरहम लगाती है
दिन ज़हीन बनाते है, रातें आशिक बनाती हैं
दिन भर तपिश रहती है, रातें आँचल ओढाती है
दिन मेहनत करवाते है, रातें सपने दिखाती है
दिन मसरूफ रहते है, रातें सुकून दिलाती है
दिन घर से दूर होते है, रातें तुम से मिलाती है
Avi R Mathur
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