धूल का कण मैं नहीं ।'s image
Love PoetryPoetry1 min read

धूल का कण मैं नहीं ।

Avinash SrivastavAvinash Srivastav January 31, 2022
Share3 Bookmarks 48394 Reads3 Likes

धूल का कण मै नहीं, 

ना ही सूखा पत्ता, काग़ज 

जो मंद वायु में उड़ जाए! 

मै तो वह अविचल अडिग पर्वत, 

जिस पर तुफाने भी फिसल जाए!! 

तूफानों की बात ही क्या 

गर शंभू का प्रलय आए, 

तो भी मुझे विचालित करने में&n

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts