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दिल धङकता है मेरा,
तुमसे गुफ़्तगू की आस में !!
निकल पड़ा था घर से मैं,
बस तुम्हारी तलाश में !!
पहुंचा जब तुम्हारे दर पर,
तब मुझे पता चला !!
तुम चांद सा मुखड़ा लिए बैठी हो,
दीये कि प्रकाश में !!
- Avï
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