महामारी's image
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ना पटरी पर गाड़ी थी, 
ना आकाश में विमान 
थम गयी थी ज़िंदगी 
घरों में क़ैद था इंसान 

एक सूक्ष्म से जीव ने 
रोकी थी जीवन की रफ़्तार 
धंधे चौपट, बंद व्यापार 
मचा विश्व में हाहाकार 

अर्थव्यवस्थाएँ शक्तिहीन हुईं 
और शक्तियाँ सारी अर्थहीन 
क्या धन बल और क्या सैन्य बल 
विषाणु के आगे सब क्षीण 

बंद हो गए घरों में सब 
बाहर भी ज़िन्दगी न आसान थी 

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