उसका जादू's image
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जो भी लिख गया सो लिख गया, फैज

अब न किरदार न लिखने वाला

एक घर जिसे उम्र भर बनाया मैंने

उसी की कीमत लगी है आज वही बिकने वाला


आखिरी बार उस चौखट पे सर रखकर रोया ऐसे

जैसे अपने गले से लिपटा हो अपना साया


रंग हरा हो.... लाल हो या कोई और

मुझे तो एक उसका रंग ही भाया


सोचता हूँ कितना फनकार है खुदा मेरा

एक इंसानी सूरत में जादूगर बनाया

मैंने जब भी उसका नाम अपनी कलम से लिखा<

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