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मुझे, तुमको छोड़कर मतलब ही नहीं
दुनिया से, रिश्तों से, अपनों से, सपनों से
कतरों से, नदियों से, बारिश, समुंदर से
आंखों से, शय और पलकों से
आंचल से, दिल से, न पत्तों दरख़्तों से
जिस्मो न बाहों से, रस्तों फिजाओं से
साहिल न लहरों से, चलते न ठहरों से
अंधे न बहरों से, न दिन और हफ्तों से
पल से, न सदियों से, दुख से, न खुशियों से
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