
Share0 Bookmarks 9 Reads0 Likes
मुझे, तुमको छोड़कर मतलब ही नहीं
दुनिया से, रिश्तों से, अपनों से, सपनों से
कतरों से, नदियों से, बारिश, समुंदर से
आंखों से, शय और पलकों से
आंचल से, दिल से, न पत्तों दरख़्तों से
जिस्मो न बाहों से, रस्तों फिजाओं से
साहिल न लहरों से, चलते न ठहरों से
अंधे न बहरों से, न दिन और हफ्तों से
पल से, न सदियों से, दुख से, न खुशियों से
बगीचे न बगियों से
गर्मी न सर्दियों से
बिस्तर न तकियों से
मित्रों न सखियों से
मंदिर न मस्जिद से
पर मेरा मतलब है तेरी उस एक जिद से
जिसमें तू रोता हुआ हंसता जाये
मुझे मारे तू और मन मुस्कुराये
तेरा सारा गम जमीं पे आ जाये
मुझे, तुमको छोड़कर मतलब ही नहीं
..
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments