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मुझे तो आज भी फ़र्क़ पड़ता है, किसी के नाम से,
पहली दफ़ा हुए थे बदनाम हम, उसी के नाम से,
उमर, समय, रात, दिन कितनी ही बर्बादी सही हमनें,
अब तो ख़ुद ही लिख दिया अपना नाम, उनके नाम से।
#क़लम✍
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