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क्या है इश्क़ ? न आग़ है, न पानी है,
किसी का छिनती बचपना, किसी की लूटती जवानी है,
हम जान-समझ के करते हैं, ये जीवन की वही नादानी है,
जिनकी हो गयी है मुक़म्मल कभी उनसे पूछो, उनकी भी इक अधूरी कहानी है।
#क़लम✍
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