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भूलकर भी उनको न भुला पा रहा हूँ,
मैं तो बस बेमतलब ही जिये जा रहा हूँ,
तुम प्राणवायु आत्मा-सी अवमुक्त हो गयी,
मैं शरीर-सा पड़ा चिताओं पर जलता जा रहा हूँ।
#क़लम✍
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