
Share0 Bookmarks 0 Reads0 Likes
अब तो मेरे सपनों में आना बंद कीजिए,
दिन-रात यूँ बेवज़ह सताना बंद कीजिए,
बड़ा मुश्किल होता है, अश्क़ों को आंखों में संभालना,
ग़र हो सके तो अब हमको रूलाना बंद कीजिए।
#क़लम✍
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments