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यह सृजन है, यह संसार है।
यह स्नेह है, यह प्यार है।
उन्मुक्त है, स्वतंत्र है।
यह वैशाली गणतंत्र है।
यह गुप्त है, यह मौर्य है।
यह कुंवर सिंह का शौर्य है।
यह जुनून है, उन्माद है।
यह लिट्टी चोखा का स्वाद है।
गेंदा , जूही, कचनार है।
यह पावन भूमि बिहार है।
यह कलरव करती गौरैया है,
यह कल कल बहती गंगा मईया है।
मिथिला का पान मखान है।
मां जानकी का जन्मस्थान है।
पीपल , बरगद की छांव है।
दिनकर का यह गांव है।
विद्यापति , कालिदास है।
यह एक अलग एहसास है।
मगही, मैथिली, भोजपूरी है।
यह चेतना की धूरी है।
उर्दू , हिंदी का योग है।
यह प्रकृति का संयोग है।
यह बुद्घ का प्रबोध
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