बिहार - एक दर्शन's image
OtherPoetry2 min read

बिहार - एक दर्शन

Ashutosh MishraAshutosh Mishra March 22, 2022
Share0 Bookmarks 86 Reads1 Likes
यह सृजन है, यह संसार है।
यह स्नेह है, यह प्यार है।
उन्मुक्त है, स्वतंत्र है।
यह वैशाली गणतंत्र है।
यह गुप्त है, यह मौर्य है।
यह कुंवर सिंह का शौर्य है।
यह जुनून है, उन्माद है।
यह लिट्टी चोखा का स्वाद है।
गेंदा , जूही, कचनार है।
यह पावन भूमि बिहार है।
यह कलरव करती गौरैया है,
यह कल कल बहती गंगा मईया है।
मिथिला का पान मखान है।
मां जानकी का जन्मस्थान है।
पीपल , बरगद की छांव है।
दिनकर का यह गांव है।
विद्यापति , कालिदास है।
यह एक अलग एहसास है।
मगही, मैथिली, भोजपूरी है।
यह चेतना की धूरी है।
उर्दू , हिंदी का योग है।
यह प्रकृति का संयोग है।
यह बुद्घ का प्रबोधन है।
यह क्रांति का संबोधन है।
कमला, बलान की धार है।
शिव का ' उगना ' अवतार है।
यह मधुबनी का रंग है।
मनमौजी , मस्त मलंग है।
यह गुरु नानक का संदेश है।
यह महावीर का उपदेश है।
यह आर्यभट्ट का शोध है।
चाणक्य का प्रतिशोध है।
आगंतुकों का आग्रह है।
यह गांधी का सत्याग्रह है।
मजदूरों का खून पसीना है।
यह स्वाबलंब का जीना है।
यह नौकरशाही वर्ग है।
यह माया का अपवर्ग है।
यह छठ का पावन पर्व है।
यह सर्व है, यह गर्व है।

                                ~ आशुतोष मिश्र         ( æ poetic soul)

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts