
Nepali PoetryKumar VishwasZyada Poetry ContestValentines PoetryLove PoetryWomen's Day1 min read
June 16, 2020
तेरे लौट आने की उम्मीद फिर दिल मे पलने लगी

Share0 Bookmarks 135 Reads1 Likes
तेरे लौट आने की उम्मीद फिर दिल में पलने लगी
कि तारीक मक़बरो में कोई कंदील सी जलने लगी
अरसे से रुके हुए थे यह लम्ज़ तेरे जाने के बाद
कि तेरे आने की खबर सुन सांसे फिर चलने लगी
किए वादे उसने मुझसे जन्मों जन्मों के
फिर क्यों वो अपने ही कहे से बदलने लगी
है अदाकारियां कमाल की तेरे लफ्जों में मक़बूल
की पढ़कर तेरी नज़्म वो बेवफा भी नम आंखें मलने लगी
✍मक़बूल_कटनीवाला
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments