
Kumar VishwasAyushmann KhurranaZyada Poetry ContestValentines PoetryLove PoetryRomantic Poetry1 min read
June 16, 2020
मुद्दतो से छुपाया जिसे बात वो आज सबसे के गए

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मुद्दतों से छुपाया जिसे बात वो आज सबसे कह गए
हो इब्तिदा किस जानिब ये फ़िराक़ में रिश्ते ढह गए
वफ़ाओ की बात करके फ़क़्त जफाएं की है तुमने
खैर छोड़ तेरे हर सितम हर जुल्म हम यूं ही सह गए
तेरे कूचों की कशिश खीच लाती थी मुझे तेरे दर पे
अब वहा मै नही फ़क़्त मेरे कदमों के निशां रह गए
मुद्दतों से रखा था मक़बूल ने सजा कर इसे आँखों मे
याद आया तु तो एक पल मे चश्म ए दरिया बह गए
✍मक़बूल_कटनीवाला
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