जीवन's image
Share0 Bookmarks 42873 Reads1 Likes
पेड़ो को देखा झुमता,
सहसा रूका, फिर पुछा,
ये मस्ती कैसी है छाइ,
ये भी कोइ उमर है,
तुम्हे तनिक लाज ना आइ।
तुनकी बिदकी फिर गुर्राइ, 
कहा, रास्ता नापो अपना,
सारी ज़न्दगी दूसरो पर लुटाइ,<

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts