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छुप जाता हूँ अंधेरे में
जब कोई बात तुझपे आती है
मत बोल खुद को बुरा
मत बन तू भरोसा
तू मेरा ख्वाइश नहीं इबादत है
बस इतना जान तू याद है
और ज़ेहन को तेरी जरूरत है
जब भी लोगों ने तुझको बुरा कहा
हमने तब मोहब्बत कुछ ज्यादा किया
जब भी तूने खुद को बुरा कहा
ना ही नींद आया ना ही करार आया
जब भी तूने खुद को बुरा कहा
तब तब मैंने खुद को मार दिया
अब भुल जा अपनी बुराई
बस देख अपनी अच्छाई
मेरा छोड़
तू बुरा बन या अच्छा
ना ही मैं बदलू
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