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चहकती धूप सर पे आ गई
मौसम सुहाना है
मगर जो तू नहीं तो ये ज़माना
क्या ज़माना है
सितमगर तेरे बिन आँसू
बहाना मुस्कुराना है
जिगर में
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चहकती धूप सर पे आ गई
मौसम सुहाना है
मगर जो तू नहीं तो ये ज़माना
क्या ज़माना है
सितमगर तेरे बिन आँसू
बहाना मुस्कुराना है
जिगर में
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