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बेशिकवा इक काली चाय के,
फीकेपन पर गुस्साना…
बेपरवा बातों के पल का,
अंजाने ही घर आना...
बेइंतहा सवालों का,
होठों से पहले गुम होना…
बेनकाब यादों का फिर से,
आंखों में चस्पा होना...
बेकाबू
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