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आज खुला किताब का वो पन्ना जो बंद हमेशा के लिए किया था
कहानी उसकी भी थी ऐसी कोई जिसे भूलने का नाटक उसने किया था
तो आओ उस कहानी की एक झलक सुनाते है
लोगो को मज़ाक करने और उड़ाने में चलो फर्क समझाते है
आसान नहीं है उसे फिरसे दोहराना
उस दौर का उसका उभर पाना
अलग थी वो लोगो की सोच से
सबके तानो का जो उसपर पहरा था
दूर थी वो सबसे
हां, रंग जो उसका गहरा था
आंखो में भरकर ख्वाब कुछ उसने भी उड़ने की ठानी थी
रंग बदल लो कहकर कितनो ने रोका उसे पर वो कहां रुकती वो भी तो बहता पानी थी
यह रंग लाई कहा से हो?
ऐसे बातो से पाला तो पड़ता उसका
कहानी उसकी भी थी ऐसी कोई जिसे भूलने का नाटक उसने किया था
तो आओ उस कहानी की एक झलक सुनाते है
लोगो को मज़ाक करने और उड़ाने में चलो फर्क समझाते है
आसान नहीं है उसे फिरसे दोहराना
उस दौर का उसका उभर पाना
अलग थी वो लोगो की सोच से
सबके तानो का जो उसपर पहरा था
दूर थी वो सबसे
हां, रंग जो उसका गहरा था
आंखो में भरकर ख्वाब कुछ उसने भी उड़ने की ठानी थी
रंग बदल लो कहकर कितनो ने रोका उसे पर वो कहां रुकती वो भी तो बहता पानी थी
यह रंग लाई कहा से हो?
ऐसे बातो से पाला तो पड़ता उसका
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