Love PoetryPoetry1 min read
ये जो तेरे चहरे का नूर है , यां फिर तेरी आंखों का सरूर है...। की मेरी नजर तेरे चहरे से हटती नही बता ये किसका कसूर है...।।
October 9, 2021Share0 Bookmarks 201476 Reads0 Likes
ये जो तेरे चहरे का नूर है ,
यां फिर तेरी आंखों का सरूर है...।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments