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मिलेंगे क्या फिर कही, यही सोचता हूं हर रात अब
यही एक ख्वाहिश है, जो चाहता की कभी पूरी न हो अब!!
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मिलेंगे क्या फिर कही, यही सोचता हूं हर रात अब
यही एक ख्वाहिश है, जो चाहता की कभी पूरी न हो अब!!
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