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वो
नजरें उनको ही देखना चाहे
तो मेरी आँखों का क्या
कसूर है ........?
खुशबू उनकी ही आए
तो मेरी सांसों का क्या
कसूर है ................?
वैसे तो सपने पुछ कर
नहीं आते,,,,,,,,,,
सपने ही तुम्हारे आए
तो मेरी रातों का क्या
कसूर है ...........?
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