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विश्वास
मेरा यकीं गर हियेपिरो के कर लिया होता,
अभज्जय प्रेम तब आगे हमारा बढ लिया होता..I
मेरे हर कथ्य मे भी अटल सत्य के आंशू थे,
मुझे अर्थ मिल जाता जो तुमने यकीं कर लिया होता..II
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मेरा यकीं गर हियेपिरो के कर लिया होता,
अभज्जय प्रेम तब आगे हमारा बढ लिया होता..I
मेरे हर कथ्य मे भी अटल सत्य के आंशू थे,
मुझे अर्थ मिल जाता जो तुमने यकीं कर लिया होता..II
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