प्रकृति की न समझ सके तो..I's image
Kumar VishwasPoetry1 min read

प्रकृति की न समझ सके तो..I

ashish.kumarmomashish.kumarmom October 1, 2021
Share1 Bookmarks 211480 Reads4 Likes

प्रकृति की न समझ सके तो..I

अपनी हसरत मत कहना ..II


एक वृछ न लगा सको तो..I

ठंढ़ी छाव से मत कहना ..II


सूर्य धूप से जूझ रही हो तो ..I

छत की हालत मत कहना..II


धरती जल बिन सूख रही हो तो..I

वादल से बरसो  मत कहना ..II


No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts