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मन मंदिर को साफ़ रखो, भगवान के घर में आते हो तुम,
उसे नजरअंदाज़ करना नहीं, वह नहीं तो तुम कुछ नहीं।
मन की ऊँचाइयों से ऊँचा, मंदिर की सीमाओं से अधिक,
यह जगह सफाई रखना होगा, ध्यान रखना होगा सदैव प्रतिक।
अच्छा सोचना, अच्छा करना, दुनिया में अच्छाई फैलाना,
मन मंदिर के दरवाज़े पर, सबको स्वागत करना जाना।
उसकी छत पर शांति बनी रहे, उसकी दीवारों पर स्नेह बरसे,
आपका जीवन भी सुखमय हो जाए, अपने नज़रें उसकी ओर फिराएं।
यह मन मंदिर नहीं है सिर्फ़, यह आत्मा का एक मंदिर है,
साफ़ सुथरा रखो इसे तुम, वह आपके भीतर की ताकत है।
इस मंदिर की दीवारों को, अपने कर्मों से सजाना होगा,
जीवन का हर पल अच्छा बिताकर, इस मंदिर के भवन को जीतना होगा।
उसे नजरअंदाज़ करना नहीं, वह नहीं तो तुम कुछ नहीं।
मन की ऊँचाइयों से ऊँचा, मंदिर की सीमाओं से अधिक,
यह जगह सफाई रखना होगा, ध्यान रखना होगा सदैव प्रतिक।
अच्छा सोचना, अच्छा करना, दुनिया में अच्छाई फैलाना,
मन मंदिर के दरवाज़े पर, सबको स्वागत करना जाना।
उसकी छत पर शांति बनी रहे, उसकी दीवारों पर स्नेह बरसे,
आपका जीवन भी सुखमय हो जाए, अपने नज़रें उसकी ओर फिराएं।
यह मन मंदिर नहीं है सिर्फ़, यह आत्मा का एक मंदिर है,
साफ़ सुथरा रखो इसे तुम, वह आपके भीतर की ताकत है।
इस मंदिर की दीवारों को, अपने कर्मों से सजाना होगा,
जीवन का हर पल अच्छा बिताकर, इस मंदिर के भवन को जीतना होगा।
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