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मन मंदिर को साफ़ रखो, भगवान के घर में आते हो तुम,
उसे नजरअंदाज़ करना नहीं, वह नहीं तो तुम कुछ नहीं।
मन की ऊँचाइयों से ऊँचा, मंदिर की सीमाओं से अधिक,
यह जगह सफाई रखना होगा, ध्यान रखना होगा सदैव प्रतिक।
अच्छा सोचना, अच्छा करना, दुनिया में अच्छाई फैलाना,
मन मंदिर के दरवाज़े पर, सबको स्वागत करना जाना।
उसकी
उसे नजरअंदाज़ करना नहीं, वह नहीं तो तुम कुछ नहीं।
मन की ऊँचाइयों से ऊँचा, मंदिर की सीमाओं से अधिक,
यह जगह सफाई रखना होगा, ध्यान रखना होगा सदैव प्रतिक।
अच्छा सोचना, अच्छा करना, दुनिया में अच्छाई फैलाना,
मन मंदिर के दरवाज़े पर, सबको स्वागत करना जाना।
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