हार ना जाना's image
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मन कभी विचलित हो
हार जाने से पहले
इक दफा पीछे मोड़ 
देखना ज़रुर
और भी तो जूटे है
अवसर के इंतजार में
इक टूटा तो क्या
और कई है कतार में......
पर्वत पर लो जलती देख,
समझ जाना,
इक चुल्हा 
वहां भी पका होगा
सपनों का महल 
वहा भी सजा होगा
कोसो

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