
Share0 Bookmarks 30 Reads1 Likes
तुम मिले नज़रे मिली,
दिल जिस्म रूह मिल गए,
सांसों में सांसें घुली,
मगर सही कहते हो तुम,
महज़ इत्तेफ़ाक ही होगा,
शामो सहर से बेखबर हो गए,
ख्वाबों ख्यालों में खो गए,
मैं,तू,थे और हम हो गए,
मगर सही कहते हो तुम,
महज़ इत्तेफ़ाक ही होगा...
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments