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तुम मिले नज़रे मिली,
दिल जिस्म रूह मिल गए,
सांसों में सांसें घुली,
मगर सही कहते हो तुम,
महज़ इत्तेफ़ाक ही होगा,
शा
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तुम मिले नज़रे मिली,
दिल जिस्म रूह मिल गए,
सांसों में सांसें घुली,
मगर सही कहते हो तुम,
महज़ इत्तेफ़ाक ही होगा,
शा
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