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सवाल हैं क्या?
थे।
मिल गए जवाब?
ढूंढ रहा हूँ।
कैसे?
खुद से।
अब क्या सोच रहे हो?
पता नहीं!
जवाब क्या थे ?
मेहनत करो।
फिर?
कुछ नही।
नहीं हो पा रही मेहनत खुद पे?
नहीं, पर
किस्मत का पता नहीं क्या लिखा है...
किसने लिखा है??
वही, जो सबकी तक़दीर लिखता है।
सच में ? कोई और लिख सकता है?
सब यही कहते हैं..
सच है वो?
क्या पता...
मतलब मेरी किस्मत में खुद ही लिखूंगा?
तुमको, सबसे बेहतर कौन जानता है?
मैं खुद....
मतलब??
जो लिखना है लिखो।
तो बस ! सवाल ख़त्म?
सारे।
-त्रिशा।
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