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शीर्षक - हे वीर उठो, हे महाप्राण
हे वीर उठो हे महाप्राण त्यागो चुप रहने का विचार
जितनी त्रुटियां है प्रणाली में,डालो उन सब पर तुम प्रकाश
घबराओ मत अंजामो से घबराओ मत टकराने से
तुम युवा देश का जीवन हो घबराओ मत विपदाओ से
कायर डरते विपदाओ से सहते रहते विषबाण सदा
पर तुम हो वीर हे आर्यपुत्र तुमको किसका भय सता रहा तुम हो अचूक तरकशधारी अर्जुन सम भेदो लक्ष्य सदा
अभिमन्यु के वंशज हो तुम,बेहिचक उतर जाओ रण मे
तुममें र
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