
शीर्षक - हे वीर उठो, हे महाप्राण
हे वीर उठो हे महाप्राण त्यागो चुप रहने का विचार
जितनी त्रुटियां है प्रणाली में,डालो उन सब पर तुम प्रकाश
घबराओ मत अंजामो से घबराओ मत टकराने से
तुम युवा देश का जीवन हो घबराओ मत विपदाओ से
कायर डरते विपदाओ से सहते रहते विषबाण सदा
पर तुम हो वीर हे आर्यपुत्र तुमको किसका भय सता रहा तुम हो अचूक तरकशधारी अर्जुन सम भेदो लक्ष्य सदा
अभिमन्यु के वंशज हो तुम,बेहिचक उतर जाओ रण मे
तुममें राणा सी प्रबल शक्ति,सह भूख युद्ध लड़ने का दम
तुममें है भगत जैसी प्रतिभा,हंस सूली चढ़ जाने का बल
तुम हो बदलावो की उम्मीद,तुम हो भारत का भावी कल
कुछ कर जाने का दम तुम में,डालो यह पूरा देश बदल
ला दो फिर से नूतन प्रभात,सम्मुख टेके दुनिया घुटने
रक्षित कर लो इस भारत को,हरगिज़ ना पाए ये बिकने
जो बेच रहे हैं भारत को,उनके सिर धड़ से कलम कर दो
मत बनो मूक जुल्मों को देख,जुल्मों को जड़ से ख़तम कर दो..
By- Arpit Tiwari
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