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मै अपने दुःखों से
प्रेम करता हूँ
इन्हे लगाए फिरता हूँ
अपनी छाती से
बिल्कुल वैसे ही
जैसे लगाए फिरती है
कोई बंदरिया अपने बच्चे को
~ अर्पित मिसरा
प्रेम करता हूँ
इन्हे लगाए फिरता हूँ
अपनी छाती से
बिल्कुल वैसे ही
जैसे लगाए फिरती है
कोई बंदरिया अपने बच्चे को
~ अर्पित मिसरा
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