जीवन का सफर's image
1 min read

जीवन का सफर

Archi RungtaArchi Rungta June 16, 2020
Share1 Bookmarks 72 Reads3 Likes

जीवन का सफर यूँ बीत जाता है,

हर वक़्त मौसम कुछ बदला बदला सा नजर आता है |

कभी बारिश की बूंद आंखों का हाल सुनाती है,

कभी तेज लहरें जिंदगी झुंझला देती है |

कभी कङकङाती ठंड में दुबक के रहना पड़ता है,

हर धूप, भूकंप, सूखा सहना पड़ता है |

गर्मी में ठंडी हवा सुकून पहुँचाती है,

बारिश से बच निकलने का काम एक मामूली छतरी कर डालती है

जीवन की घड़ी मौसमों से तय होती है,

ईन मौसमों तकलीफों से जो बच निकले जय जयकार तो उसी की होती है|

मुश्किलें आती जाती रहेंगी,

लेकिन हर काली रात के बाद जैसे सवेरा होता है,

चाँद में दाग होकर भी वो कितना निखरता है

वैसे ही मौसम बदलते रहेंगे,

कभी खुशी तो कभी गम लाते रहेंगे,

चेहरे की बाईस मांसपेशियां खींचे जो बदलते मौसमों की तरह मुश्किलों को आते देख मुस्कराता है, असली मुकद्दर का सिकंदर तो वहीं कहलाता है ||


No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts