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यूँ न रख दिल की बात
निखालिस हर जगह
खरे बे - लाग किरदार
सलीकों में कहाँ आते हैं
कुछ मन में रखो
कुछ इसलाह करो
असलियत की रिवायतें
अक्सरियत को कहाँ भाते हैं ?
अन्विता
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यूँ न रख दिल की बात
निखालिस हर जगह
खरे बे - लाग किरदार
सलीकों में कहाँ आते हैं
कुछ मन में रखो
कुछ इसलाह करो
असलियत की रिवायतें
अक्सरियत को कहाँ भाते हैं ?
अन्विता
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