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जनमानस के अंतर्मन में प्रीत का दीप जला दो,
हे ईश्वर भारत भूमि मेरी सुंदर सा स्वर्ग बना दो।
जन जीवन किरण प्रभात रहे,
पूरे भारत की फुलवारी।
तन मन निज राष्ट्र समर्पित हो,
संस्कृति अमर हो भयहारी।
गंगा के निर्मल जल सा तुम, समता का नीर बहा दो,
हे ईश्वर भारत भूमि मेरी सुंदर सा स्वर्ग बना दो।
हैं हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख यहां,
ना धर्म जाति की बाधा हो।
खुशियों के अगणित पुष्प खिले,
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