
Share0 Bookmarks 110 Reads0 Likes
कल किताब में
छुपी हुई
तुम्हारी बाली मिली
वहीं बाली
जिससे जलता था मैं
वहीं बाली
जो तुमको छुती थी
बेवजह
वहीं बाली
जो तुमको प्यारी थी
खुद से भी ज्यादा
छुपी हुई
तुम्हारी बाली मिली
वहीं बाली
जिससे जलता था मैं
वहीं बाली
जो तुमको छुती थी
बेवजह
वहीं बाली
जो तुमको प्यारी थी
खुद से भी ज्यादा
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments