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कुछ पागल से हम थे,
कुछ उसकी जुल्फों ने वार किया,,
कुछ बेहद से हम थे,
कुछ उनकी आंखों ने तकरार किया,,
कुछ लबों में कैद हम थे,,
कुछ उनकी सांसों ने बेकरार किया,,,
कुछ यूंही अकेले से तन्हा थे,
कुछ उनके इश्क ने बदनाम किया।।
कुछ उसकी जुल्फों ने वार किया,,
कुछ बेहद से हम थे,
कुछ उनकी आंखों ने तकरार किया,,
कुछ लबों में कैद हम थे,,
कुछ उनकी सांसों ने बेकरार किया,,,
कुछ यूंही अकेले से तन्हा थे,
कुछ उनके इश्क ने बदनाम किया।।
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