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जो लिखने बैठे तो तेरा नाम लिख दिया
हर दुआ में तुझे सलाम लिख दिया
जो याद आयी तेरी तो
कर गयी थी तू बदनाम लिख दिया
तुझे भूलने का सोचा तो
भूलने वाले दिल को जनझोर हमें दिया
तुझे भुला ना सके कभी
तभी तेरी यादों को बेज़ोर लिख दिया
जो तेरा हंसकर बुलाना था
उसको हम ने अपना ज़ोर लिख दिया
जो तेरा दिल लुभाना था
उसको हम ने कमजोर लिख दिया
शायद इसीलिए तुझे चितचोर लिख दिया
हमने तुझे अपनी माना था
पर तुझे किसी ओर के नाम लिख दिया
तुझे इसमें ख़ुशी मिली तभी बेसोच No posts
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