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मेरा मुझ पे कोई जोर चलता नहीं
अब मुझे तुम अपनी हिरासत में रख लो
पी रही हूं जहर हर दिन एक नई
डर जिन्दगी से लगने लगा है हमें
अब मुझे तुम अपनी हिफाजत में रख लो
मंजिलें मेरी दूर दूर, दिखता नहीं कुछ
अंधेरों से घबराने लगी हिम्मते
अब मुझे तुम अपनी उजालों में रख लो।
किधर जाऊ बंद है रास
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