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हे मानव!
ये कौन तुझे डरा रहा
तू क्यों इतना घबरा रहा
तू भक्त है महाकाल का
है रक्त तू जगदम्बा का
जगा जगा तू शक्ति को
हौसलों का त्रिशूल उठा
इस दानव (बुराई) को पहचान तू
प्रहार कर प्रहार कर
भरोसे का तू बाण छोर
शिव का अंश है तू
डर का तू बिधवंस
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