ये गलियां,ये रास्ते,ये शहर
अच्छा नहीं लगता
हम जहां रहते हैं
वो घर अपना नहीं लगता।
वो राते,वो ख्वाब सब याद है मुझे
आज ज़िंदगी की कड़वी सच्चाई है
सपना अच्छा नहीं लगता।
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