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विरह और विरक्ति

HimanshiHimanshi March 6, 2023
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जब लिखते हो

तुम अहसास मेरे

मेरी रूह मुस्कराती हैं

आस पास तेरे

पढ़ कर मेरी

मेरी आंखों

की नमी  

और खामोश लबों

 की कहानी

 मुझे अफसोस है

 तुमने मेरा

 तुझसे

 बिछड़ना 

विरह लिखा

पर असल में

मैने चुना था

विरक्त होना 

काश कभी

सुनते तुम

मेरी आंखों को

और पढ़ते मेरे लबों को

तो समझ पाते

अंतर विरह और

विरक्ति के बीच का

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