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अब इससे भी क्या मुकम्मल दास्तां लिखेंगे हम,
किस्सा हुस्न का और दर्द परवाने का लिखेंगे हम|
तारीख पढ़ने वाले, उन आशिकों की खुद ब खुद समझ जाएंगे,
जब उन जले हुए दिलों का बुझा हुआ हिस्सा लिखेंगे हम|
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