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एक दौर था जब वो हमसे बेतहासा प्यार करते थे,
गर देर भी हो जाती थी कभी, तो वो घँटों इंतेजार करते थे, ।
और आज मंजर ये है कि, वो imaginary roots सा समझ लिए है मुझको, ।
मुझे ढूँढते भी हैं, अपनी यादों के equation में,
aur jb mai mil bhi jata हूँ, kbhi achanak se raaste me, तो मुझे पूरी तरह ignore कर देते हैं,
इसी complex roots ki तरह।।
गर देर भी हो जाती थी कभी, तो वो घँटों इंतेजार करते थे, ।
और आज मंजर ये है कि, वो imaginary roots सा समझ लिए है मुझको, ।
मुझे ढूँढते भी हैं, अपनी यादों के equation में,
aur jb mai mil bhi jata हूँ, kbhi achanak se raaste me, तो मुझे पूरी तरह ignore कर देते हैं,
इसी complex roots ki तरह।।
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