Share0 Bookmarks 48959 Reads0 Likes
बदलाब,
वक्त की गुजारिश
सब बदला; तारीखे, दिन ,महीने , साल
कच्ची उम्र में देखे जो,
बढ़ती उम्र के साथ वो सपने बदले
कुछ अपने बदले
कुछ पराये अपनों में बदले
देखे हमने बदलते किरदार
बदला गलियो , चौबारो का हाल
तकनीके बदली बदला तरीका - ए- इजहार !
जो छूटा पीछे , शायद ज्यादा गहरा और सच्चा था
वो चिट्ठी , तारो के जमाने वाला प्यार
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments