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बदलाब,
वक्त की गुजारिश
सब बदला; तारीखे, दिन ,महीने , साल
कच्ची उम्र में देखे जो,
बढ़ती उम्र के साथ वो सपने बदले
कुछ अपने बदले
कुछ पराये अपनों में बदले
देखे हमने बदलते किरदार
बदला गलियो , चौबारो का हाल
तकनीके बदली बदला तरीका - ए- इजहार !
जो छूटा पीछे , शायद ज्यादा गहरा और सच्चा था
वो चिट्ठी , तारो के जमाने वाला प्यार
खुद को ना बदल पाया हर बदलते पहलू में
तेज है गति बदलाव की
या धीमा हूँ मै
या शायद दूर हूँ मैं
अभी इस बदलती दुनिया से
या पीछे रह गया कही मै ?
किन्ही पुरानी यादो में ?
किरदारो में, इसीलिए
शायद आजतक
अपनी गति से अन्जान हूँ मै ,
इस जिंदगी की रफ्तार में !
- " अनमोल"
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