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काश मेरी फिर वही पुरानी, रात आ जाए

ankush9919046294ankush9919046294 May 20, 2022
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काश मेरी फिर वही पुरानी, रात आ जाए


वो मोहब्बत वाली लबों पे, बात आ जाए



अब तो हम,खुदको भी नहीं पहचान पाते


तुम कोशिश करो, तो कुछ याद आ जाए



अक्सर, घुटनों पर गिर जाती है मोहब्बत


जो इश्क़ के बीच में अगर,जात आ जाए



मोहब्बत साथ में थी, तो सर झुका लिया


अकेले में हो जिसकी औकात, आ जाए



यारो उस वक्त उठाना, तुम मेरा ज़नाज़ा


जब उसके दरवाज़े पर, बारात आ जाए



उसकी अदालत में,कोई तो मेरे जैसा हो


हो कर कोई बे गुनाह,गिरफ़्तार आ जाए



एसी क़ातिल है, उसके आंखों की चमक


वो जो पत्थर को देखे, तो दरार आ जाए



बुलाया है हमे,खत्म रिश्ता करने ले लिए


हम दुआ कर रहे है, हमे बुखार आ जाए



अपना सर भी, शोक से झुका लेंगे हू


सामने उसका घर,या कोई मज़ार आ जाए


#hu

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