
फिल्म समाज का आईना है और इस आईने को बचाना बेहद जरूरी है

एक फिल्म जब बनती है जो कई जरूरी चीजें उसके साथ में बन रही होती हैं!
कई और जिंदगियों के लिए आदर्श, आदर्श की कहानी और एक अनुसरण करने के लिए जिंदगी बन रही होती है जो किसी के जीवन को बदल सकती है! लेकिन कुछ सालो से जो प्रक्रिया शुरू हो रही है उससे फिल्मों में जो परिवर्तन आ रहा है वह वास्तव में दुखद है! फिल्म निर्माताओं के पास या तो कहानियां नहीं है या फिर अच्छे कलाकार नहीं हैं! दूसरी भाषाओं की फिल्मो को कॉपी करके वाहवही लूटने की प्रक्रिया चल रही है! लेकिन यह कितने वक़्त तक चलेगा! उससे भी ज्यादा दुःखद यह है की कुछ बड़ी फिल्मो और बड़े कलाकारों के बीच अच्छी कहानियाँ जो कभी कभी बनती हैं वो दब जाती हैं! बड़े बड़े मीडिया समूह बड़ी फिल्मों की बातें और सराहना करके अच्छी फिल्मो को नजरअंदाज कर देते हैं!
हाल फिलहाल में एक फिल्म आयी है जिसका नाम है 'सिया' फिल्म मनीष
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