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ये आँखो में क्या क्या लिए फिरती हो...
ये एक कोने से झांकती शोख़ी
ये बाहर आने को बेताब शरारत
ये मंद मचलती हुई मस्ती
ये बिंदास बेफ़िक्री
ये नज़र में चढ़ती खुमारी
ये अल्हड़ इश्क़ का नूर
ये विरले प्रेम की गहराई
ये अपनी हस्ती पर नाज़
ये मन की मौज
ये बदन से उठती भाप
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