शिकयतें's image
Share0 Bookmarks 47555 Reads19 Likes
कूट बंधन में बंध चुकी थी वो,
अलग न होने की हलफ में थी, 
मैने महसूस न किया कि, कसमें 
नही वो प्रेम है
Send Gift

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts