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मै चलूँगा, अन्त तक साथ तुम्हारे, मै चलूँगा।
चाहे गहरी रात हो, या सूनसान सन्नाटा,
तुम्हे बढ़ते रहने का साहस देने के लिये,
मैं चलूँगा, अन्त तक साथ तुम्हारे, मैं चलूँगा
चाहे सघन संघर्ष पथ हो, या जटिल गहराइयाँ,
तुम्हे सफलता के शिखर तक, पहुंचाने के लिये,
मै चलूँगा, अन्त तक साथ तुम्हारे, मै चलूँगा।
चाहे तुम थक कर चूर हो, या मंजिल कोसों दूर हो,
बन के क़दम तुम्हारा, तुम्हें अन्तिम सीढ़ी देने के लिये,
मैं चलूँगा, अन्त तक साथ तुम्हारे, मैं चलूँगा।
चाहे लाख अड़चन दे दुनियां, या मोती सा तुम्हें बिखेर दे,
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