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तेरी तिश्नगी से मैं आवारा हो गया,

क्या ऐसी होती है मोहब्बत कि मै बावरा हो गया।

बीच धार में डगमगाती कश्ती सा मैं उलट पलट,

एक तुम्हारी याद ही मेरा सहारा हो गया।


तेरी तलब ऐसी जगी मै दर बदर हो गया,

तेरी यादों में पागल मै इस क़दर हो गयाकि तूफां। मेरी निगाहों में लबों पे सन्नाटा था,

तुझसे प्यार करना मेरा ज़हर हो गया



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